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Tuesday, May 10, 2016

vishnu saxena gazal

सोचिये गर दो दिलों में राब्ता हो जायेगा।
हिचकियों का खूबसूरत सिलसिला हो जायेगा।

दिल मेरा बच्चा है अपने पास ही रखिये इसे
लग गयी इसको हवा तो बेवफा हो जायेगा।

जिस्म था बेजान इसमें जान तुमने फूंक दी
धड़कनें चलने लगी हैं फायदा हो जायेगा।

सुर सधा है आपका तो अपनी धुन में गाइये
संग मेरे गाएंगे तो बेसुरा हो जायेगा।

इस तरह से घूर कर मत देखिये हम को जनाब
दिल में इन आँखों के ज़रिये रास्ता हो जाएगा।

प्यार करना या न करना मुस्कुराकर देख ले
मेरा दावा है सफे पर हाशिया हो जायेगा।

ये शहर है पत्थरों का शख्स हर पत्थर का है
देर तक देखोगे तो क्या आईना हो जायेगा?

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